माण्डूक्योपनिषद ज्ञान का रहस्य-Mandukiya Upanishad in hindi part-1

mandukya Upanishad

ये बात को पढके किसी को कुछ अलग लगे नवीनतम लगे. लेकिन इसमें कोई भी अतिश्योक्ति नही है. उपनिषद हमारे जीवन के प्रश्नों के हल करता बन शकते है. ये गूढ़ ज्ञान केवल ग्रंथो में भरा पड़ा है. उसे केवल निवृति का ज्ञान बताके हम उससे दूर रहे है !!

गीता में छिपा है जीवन को बदलने वाला ज्ञान-Can Bhagvad Geeta change life ?

bhagavad-gita

आपने ये शीषर्क पढ़ा क्या ये हो शकता है ? आम तौर पर तो हम भगवद गीता को केवल एक अध्यात्मिक ग्रन्थ के रूप में देखते है ! लेकिन इसमें ऐसे राज छिपे हुवे है

जीवन का एक ऐसा रहस्य जो आज तक हम नही जानते ?-My aim in life

aim of life

हमे जीवन में क्या करना है ? हमें जीवन क्यों मिला है ? हमारा जन्म क्यों हुवा है ? ये प्रश्न ऐसे है की हरेक को जीवन में कभी कभी तो उठते ही है !! what is the aim of our life. जब कोई जीवन से थक जाये, तब उसे ये सवाल मन ही मन बेचेन कर देता है.

योग निद्रा क्या है ?-yog nidra kaise kare ?-what is yoga nidra hindi ?

आज शिखने के लिए हमारा विषय है योग निद्रा. Yoga nidra योग निद्रा दो शब्द से बना हुवा है योग और निद्रा. योग का मतलब तो हम जानते है और निद्रा को भी कौन नही जानता. सरल भाषा में अगर व्याख्या करे तो कोई यह कह शकता है की निद्रा में भी योग का अनुसंधान योग निद्रा है

बुरी से बुरी आदत बदलना आसान इन्हें पढ़िए -Importance of habit

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ये articles हमारे लिए बहुत ही important है क्योकि हमारे व्यक्तित्व का विकास कुछ ऐसी आदतसे ही रुक जाता है जिनका हमारे जीवन में कोई महत्व नही फिर भी हमे ये सहनी पडती है

क्या आप बार बार नकारात्मक सोचते है ?-Negative thinking in hindi

नकारात्मक ऐक fungus(फूग) की तरह होती है जो mind को कुंठित कर देती है. जिनके कारण हमे नई सोच और प्रेरणादाई ख्याल आते नही उनकी बजाय एक गहरी निराशा की खाय का अहेसास होता है.

नींद आने के उपाय हिंदीमें ?-नींद नही आ रही ?जरुर पढ़े -Tips for good sleep

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नींद एक वरदान है हमारे लिए. नींद में जो आराम मिलता है वह दुसरे किसी में नही मिलता. ध्यान और समाधि में ज्यादा आराम मिलता है. लेकिन सामान्य मानवी के लिए तो नींद ही उनका

Self awareness necessary in success-स्व जागरूकता सफलता के लिए भी जरूरी

यहा कुछ ऐसी गलतिया जो हम स्वयम करते है और उनका दोष हमारे नसीब पर देते है. वास्तवमे कर्म और उनका फल दोनों एक ही है क्योकि कर्म की परिकव स्थिती ही उनका फल है.

ध्यान की पध्धति में अलग अलग सोच-Different type of thinking about meditation

ध्यान के बारेमे अलग अलग चिंतको अलग अलग मान्यता रखते है. यह सभी मान्यता को समजने के पूर्व हम यह समज ले की आखिर में ध्यान क्यों करना है. ? हमारा जो स्वरूप है वह

दिव्य अनुभूति के पलमें -Divine thoughts when experience self Dec to feb-21

मित्रो यहा पर यह विचार या सोच रजु की गई है जो आनंद के अनुभव में प्रगट हुई हो. यह सोच आपको साधना में जीवन में काम आ शकती है. आनंद के अनुभव में, दिव्य