जीवन कोई ऐसा नही की हर हमेशा हम जैसा चाहे वैसा ही हो !! हम चाहते कुछ और है और होता कुछ ओर ! आपको बहुत बार ऐसा अनुभव हुवा होगा की आपने कुछ चाह अलग हो और होता कुछ ओर ! यहा पर सबसे पहले हम ये समस्या क्यों आती है उन पर बात करेगे, फिर हम क्या चाहते है उन पर बात करेगे और हम ऐसा क्यों चाहते है उन पर बात करेगे. उनके बाद ये भी सोचेगे की हम ऐसा क्यों चाहते है. अंतमे इन मसले से कैसे बचे ये भी आपको समजायेगे.
तो आइये शुरू करते है.
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समस्या क्यों आती है ?
समस्या आने का सबसे पहला कारण है परिवर्तनशीलता ! मतलब बहुत ही साफ है की जगत में एक दूसरा नियम कार्य कर रहा है जो हमारे मुताबिक नही है. अगर कोई ऐसा चाहे की मुझे रात बहूत पसंद है तो दिन उगे ही नही तो अच्छा तो क्या ये हो शकता है ? नही क्यों की रात के बाद दिन और दिन के बाद रात तो आयेगी ही !
दूसरी बात ये जगत बहुत सारे जीवो की भागीदारी से बना हुवा है. बात आपको थोड़ी रहस्यमइ लगेगी लेकिन सही है ! ये बात है संकल्प शक्ति की ! हम जो चाहते है वह सब हमारे मन में उत्पन्न होता है जो एक वेव्स होते है. उनके साथ हमारी चेतना जुडती है. हम जितना ज्यादा एकाग्र होते है और अपने निर्णय और सोच में मक्कम होते है वैसे हमारे वेव्स ज्यादा effective होते है.
अब आप ये भी कहेगे तो फिर हमारे मुताबिक क्यों नही होता अगर हम ज्यादा दृढता से सोचे तो भी ! उनका कारण यह है की हमारे से भी ज्यादा कोई और ताकतवर हो तो उनके मुताबिक ज्यादा होने लगे. मतलब की हम चाहते है उनसे अगर कोई व्यक्ति अलग चाहता है तो संकल्प आपसे टकराएगे और उनमे जो ज्यादा ताकतवर होगे या ज्यादा असरदार होगे उनके मुताबिक होने लगेगा. इतना ही नही यहाँ पर कुदरत का सिध्धांत भी लागु होता है अगर हमारी चाह उनसे विपरीत हो और दुसरे की उनसे अनुकूल तो वह होता है.
कुछ अच्छे बदलाव के लिए भी समस्या आती है क्योकि समस्या आती है तो हम उनका सामना करते है और उनका हल ढूढने हमारी क्षमता बढ़ती है उतना ही नही हमे कुछ नया शिखने को मिलता है जो हमे आगे बढने में मदद करता है.