बातचित करने का सही तरीका क्या है ?-How to improve communication skills in hindi

सफलता को हमारे जीवन में कैसे पाया जाये ? ये पूरी series में हम बहुत ही important subject पर बात करने वाले है ओर यह है बातचीत करने की तकनीक !! जी हां किसीभी सफल इन्शान के जीवन में यह कला बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है.

How to develop communication skills

अगर आपको यह तकनीकमें सफलता हासिल हो जाये तो आप जीवन में किसी को भी आपकी और खीच शकते है ! किसीकी भी मदद ले शकते है !! किसीको भी अपने विचार से प्रभावित कर शकते है. इतना ही नहीं अगर कोई निराश हो गया हो तो उसे motivate भी कर शकते है.

यहा पर कोई फर्क नही पड़ता की आप चाहे नोकरी करते है, business करते है या कोई भी व्यवसाय से जुड़े हो यह तकनीक सभी जगह पर उपयोगमे लाई जा शक्ति है. यही तकनीक हमारे लिए सफलता की चावी बन शकती है. अगर आप को इस कला में कुछ नया सीखना है तो इस ब्लॉग को पूरा पढ़िए !!

कुछ नये तरीके दिखने से पहले हम एक सामान्य list तैयार करते है जिसमे हमारी गलतीऔ को बताया जायगा. आप इसमें से कोई एक का शिकार हो या नही ये आपको तय करना है.

 

हम कहा गलती करते है ?-what is our limitation in communication skill

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बातचीत के समय शर्माना-to shy when communicate with other

सर्व सामान्य बात यही है की हम किसी से बात करने से शरमाते है. मनमे एक डर सा लगता है. बोलते है तो जुबान पर शब्द नही आते और मु छुपाने लगते है. या आख को निचे कर लेना और थोडा सिकुड़ जाना विगेरे expression से सामने वाला पहचान जाता है की हम बातचीत में शरमाते है.

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दुसरे की बात नहीं सुनना

मेने देखा है की कई लोग क्या करते है की इतना बोलते है की दुसरे की बारी आने ही नही देते. एक विषय में जरासा सुना और बिचमे कूद कर बोलने लगते है. बस बोलते ही रहते है. ऐसे लोगो से धीरे धीरे दुसरे व्यक्ति दूर रहने लगते है. कोई भी कहेगा की "ये चिपकू है,  उस से दूर रहो एक बार शरू करता है की बंद ही नहीं करता." धीरे धीरे उसके साथ बात करने वाले कम होते जाते है. फिर तो उसे ज्यादा लत लगती है वह किसीके साथ भी विषय के विपरीत बात करने लगता है. बात कोई और हो और वह बोलता कुछ और हो !!

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Introvert nature-अंतर्मुखी स्वभाव  

यह भी एक बीमारी जैसा ही है. communication skill में ये बहुत ही impact प्रभाव डालता है. क्योकि यहा व्यक्ति अपने आप में खोया खोया रहता है. बस कुछ बोलता ही नहीं. इसमें भी दो प्रकार है कोई कोई बोलना चाहता है लेकिन शर्माता है.

उसे तो हमने ऊपर देख लिया मगर यहाँ पर दूसरा वह है जो अपने में खुस है. बस कुछ न कुछ सोचता रहता है और किसीके साथ बोलने का मन उसे होता ही नहीं. यहा पर नुकशान यह होता है की उसे ज्यादा ख्याल होते हुवे भी वह बोलता नही इसलिए की chance उनके हाथ से निकल जाते है. वह कोई interview में जाये तो भी कुछ बोल नही पाता और काफी कुछ आने के बावजूद पास नहीं होता.

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बोलते समय body language का ध्यान नहीं रखना   

हमारी body, face, eyes, hands का तालमेल हमारी बातचीत से होन चाहिए. अगर हम किसीभी expression दिए बिना सीधे सीधा बोलते रहे तो सामने सुनने वाले को ज्यादा मात्र में impress नहीं कर पायेगे. हमे यह जानेके ताजुब होगा की हमारी body एक माध्यम है. यह भी एक भाषा है. हम जब कुछ बोलते है तब हमारा चदेरा, आखे तुरंत ही बता देते है की बात का भाव क्या है. अगर हम सीधा सीधा बोलते ही रहे तो इतना प्रभावशाली नही होगा.

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बात चित करने के लिए शब्द ही नही मिलते 

यहा पर क्या होता है की हम बात करना चाहते है लिकिन बिच बिच में क्या बोले ? वही भुल जाते है. ह..ह.. में कह रहा था... ऐसे शब्द निकल आते है.

लेकिन एक वाक्य के बाद दूसरा और दुसरे से बाद तीसरा ऐसा नही होता है. ऐसा होने से सामने वाला हसने लगता है और हम शरमा जाते है बस फिर आगे बात नही कर पाते

उपाय

हमे किसीसे भी बाते करने की practice बढ़ानी चाहिए.

यहा पर यह होता है की जब हम बात करते है तब हमारे मनमें ये ख्याल आने लगता है की में कुछ बोलूगा और सामने वाला मेरी हासी उडाएगा. या उसे क्या लगेगा की मुजे कुछ आता नही. या हम सामने वाले के प्रभाव में आ जाते है की एक शब्दभी बोल नही पाते. यहा हमे पहले ऐसा subject चुनना है की जिसमे हमारा knowledge ज्यादा हो इस तरह से एक बार हिमत करके बोलना चाहिये अगर एक बार बोलने की छुट हो गई की फिर किसी के साथ भी बोल शकते है

उपाय

अगर आप चाहते है की आपकी बात हर कोई सुने तो पहले अच्छे listener बनो.

आपके पास जो कोई भि बात करने आता है उनके मनमे इतना तो रहेगा की मेरी बात कोई सुने. हरेक को अपनी बात रखने का पूरा हक़ है.

अगर आप ही बोलते रहेगे तो सुनने वालो को सब कुछ boring लगने लगेगा. दूसरी बात यह है की केवल आपका खुदकी ही बात रह जाएगी.

सुनने वाले के मनमे क्या है वह आप नही जान पाओगे. मेरा मानना तो यह है की हमे पहले कुछ question रखने है और फिर सुनने वाले को प्रथम तक देनी चाहिए.

एक बार उनका mind stage जान कर हम बोलना शरू करेगे तो सामने वाला प्रभावित हो जायेगा.

उपाय

बोलने का प्रयास करते रहे 

अपने मन को ऐसे समजाये की में मुज़में आनंद में रह शकता हु. किन्तु हम समाजमे रहते है. बिना बोले तो कुछ भी नहीं होता. लड़की भी नहीं मिलती !! अगर में बोलूगा ही नही तो दुसरे लोगो को मेरे बारेमे पता कैसे चलेगा.

ऐसा मन ही मन सोचते रहना और शरु में अपने मित्रो के साथ बोलना शरू करना चाहिए. यहा पर सुनना बहुत ही अद्भुत कला है. हमे ध्यान से सामने वाले को सुनना चाहिए. वह कैसे बोलता है.

उनके बारेमे सोचना चाहिए. शरू शरू में उनकी नकल करनी चाहिए. फिर धीरे धीरे बोलने की practice आ जाएगी. यहा सब कुछ practice पर चलता है. अपने आप को ऐसी जगह पर डालना चाहिए की जहा पर ज्यादा बोलना पड़ता हो. में तो कहता हु ऐसा part time sales man जैसा काम करना चाहिए. कोई भी product को सामने वाले के दिमाग में हम कैसे बिठा शकते है वह देखना चाहिए

उपाय

body language शिखना

हमे बोलते समय उनके अनुरूप भाव प्रगट करने चाहिए. आखो के भाव भी उनके अनुरूप होने चाहिए. आईने के सामने खड़े हो कर हमे practice करनी चाहिए.

जिसे इस प्रकार बोलना आता है उनके साथ ज्यादा बोलना चाहिए और वह क्या करता है उसका निरिक्षण करना चाहिए.

उपाय

वांचन जरूरी है, बार बार चर्चा में भाग ले.

हमारे ज्ञान को बढ़ाने के लिए यहा पर वाचन की बहुत आव्यश्कता है. विषय का ज्ञान ठीक तरह से अर्जित करते रहना चाहिए. शब्दभंडोल की यहाँ पर अव्यश्कता है. हा एक बात जो बेहद महत्वपूर्ण है वह यह है की हमे किसी भी तरह अपने दिमाग को सामने वाले से स्मोहित नही करना चाहिए.

यहा पर होता यह है की सामने वाला कभी ऐसी impression दिखाता है की उसे बहुत ज्यादा knowledge है. अगर हम जरा भी बोलनेमे भूल करते की तुरत वह हमे निचा दिखाने की कोशिस कर शकता है. मतलब की हमे जराभी मनसे गभराना या समोहित होना नही है.

खास तकनीक जो आपको बातचीत का माहिर बनाये -how to be master in communication skills

अब हम यहा पर कुछ ऐसी तरकीब समजायेगे की बातचीत में आप माहिर हो जाओ गे.

1

सुनने वाले को जो पसंद हो वहा से बोलना शरू करना

हम जितने listener को जान पायेगे उतना हमारे लिए communication अच्छा रहेगा. अगर हम कितना भी अच्छा क्यों न बोले लेकिन हमारे सामने वाले को ये बात पसंद ही न हो तो वह हमे response नही देगा. मान लीजिए आप कोई थोड़े उम्र में बड़े व्यक्ति से बात कर रहे है.

अगर आप उसे नये हिंदी फिल्म के गाने के बारेमे बात करने लगे तो उसको यह बात पसंद नही आएगी. वह तुरंत ही बातचीत टाल देगा. आप जिसे बात करने जा रहे है उसको share market में रस है तो आपको बात की शरुआत वहां से करनी चाहिए. देखना यह तकनीक जरुर काम करेगी. अगर आप इस तरह उसकी रूचि के अनुसार बात करेगे तो आगे जाके वह दुसरे विषय में मतलब की आपके विषय पर भी बात करने लगेगा.

2

उनके लाभ की बात करना

यह जरा उपर से मिलता जुलता है. लेकिन है तो असरदार. मित्रो यह आप प्रयोगमे ला शकते है. जब शख्स अपरिचित हो तब यह उपाय बड़ा ही करगत होगा. मान लीजिये आप एक ऐसे व्यक्ति के साथ बात करते हो जिसे रोजगारी की तलाश हो. उसे मेने यह खबर पढ़ी था क्या आपने apply किया ?

ऐसे शरुआत करनी चाहिए. फिर देखना धीरे धीरे वह आपसे घुल मिल जायेगा. यहा पर main बात यह है की हरेक को अपने आप की ज्यादा पड़ी है. जो कोई भी उनके लाभ की बात करेगा वह तुरंत उनके साथ मिल जायेगा. इसलिए salesman पहले इसमें से क्या gift मिलेगी यह बतायेगे.

3

उनकी तकलीफ के बारेमे बोलना

हर कोई अपनी ही तकलीफ देखता है. और उनके बारेमेही सोचता रहता है इसलिए जैसे ही आप उनकी तकलीफ के बारेमे थोडासा बोलेगे और उसे थोडा ठीक लगे आस्वशन  मिले ऐसा बोलोगे की तुरत ही वह आपके साथ घुलमिल जायेगा. एक बार वह आपके साथ घुल मिल जाये फिर तो आप अपनी बात आसानीसे रख शकते है.  

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शरूमें बातचीत का रुख उनकी तरफ रखना फिर उसे अपनी और मोड़ना

मित्रो, यह उपाय बहुत करगत है. एक बार अजमा कर देखना सामने वाला आपके पर फ़िदा हो जायेगा. यहा पर बात यह है की हर किसी को अपना ego होता है. अपनी समस्या होती है.

हम यही भूल कर ते है शरू के दोर में अगर हम केवल हमारी ही प्रसंसा या समस्या का वर्णन करते रहेगे तो सामने वाला इतना response नही देगा.

जैसे सरफिरे घोड़े को पहेले वह चलता है उनके साथ चलना है फिर धीरे से दिशा बदलनी है.

यहा पर पहेले आप उनके बारेमे बोले उनकी बात सुने फिर धीरे से.."आपकी बात आमतोर पर सही है,  लेकिन मेरा मानना है की इसके बारेमेभी हमे सोचना चाहिए, अगर आपको ठीक लगे तो, अजमा के देखो... है तो आपके लाभका......." बस ऐसा कहके अपनी बात शरू करदो वह आपकी बात सच मानने लगेगा. बातचीत की यही तरकीब है..

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नये नये और एकदम positive और interesting विषय पर बाते करना

आज कल हर तरफ trace, anxiety, botheration आदि इतना बढ़ गया है. उसमे जो कोई नकारात्मक बात करेगा तो किसीकी पसंद नही आएगा. कोई कोई लोगो को ऐसी habit होती है की कोई न कोई negative विषय उठा लेते है और उन पर ही बात शरु करते है.

शरू में लोग उसे जवाब देते है लेकिन बार बार ऐसा करने से फिर लोग उनसे दूर रहने लगते है. यु कहो उन्हें ऐसा व्यक्ति और उनकी बाते पसंद नही आती.

आप देखते है की कोई कोई व्यक्ति में बात करने की खास तरिकिब होती है की सबको भा जाये उनका कारण यही है की वह कुछ ऐसा नया subject लाता रहता है की हरकोई उनकी बात सुनने में लग जाते है.

इनके लिए नियमित रूपसे news paper reading is good for improve communication skill. We have to ready many books regularly. कुछ भी हो हमे अपने आप को अपडेट रखना है.

6

Story and jocks can impress other for listening our speech so it can be part of good communication skills 

किसीको ये थोडा अजीबसा लगे लेकिन ये सच है. story में ऐसा जादू है की वो केवल बच्चो को ही नही बडो को भी लुभाती है. मतलब की story में interest आता है और लोग हमारी बात सुनने लगते है. इस तरह हम धीरे धीरे बिच बिच में अपनी बात भी रख शकते है. मेने कई लोग इस तरह के देखे है जो बिच बिच में ऐसा बोलते है की लोगो को पसंद आये.

आओ में इनके बारेमे एक story सुनाता हु ऐसा कहेने से तुरंत ही लोगो को ध्यान आपकी और concentration होगा. इसी तरह से बिच बिच में थोडा jocks विगेरा कहने से वातावरण में जो गंभीरता है वह चली जाती है और आपके communication partner आपके साथ पूरी तरह घुलमिल जाते है. एक बार वह आपके हो गये फिर आप अपनी मन चाही बात रख शकते है.  

7

Use of body language is also part of good communication skills 

Body language के बारेमे हमने उपरभी बता दिया है फिर भी यह बहुत जरूरी है. आप अपनी कुछ खास अदा मतलब की style develop कर शकते है. हाथो को घुमाना, आखो के कुछ इशारे, शिर हिलाकर मुस्काना ऐसी कुछ भी tricks आजमा शकते है. थोडा धीरे से बोलना और फिर जोरसे बोलना.

इत्यादि आपको थोडा research करना होगा की आपको कोनसी trick आ शकती है. आप इनके लिए किसीकी नकल भी कर शकते है लेकिन यहा पर ध्यान रहे की नकल हूबहू नही करनी है इसमें थोडा change कर देना है. इस तरह से it can be also become part of good communication skills

8

घमंडी नहि होना मतलब की में कुछ हु ऐसा ego मनमे लेके नही घूमना

आप जो कुछ भी हो लेकिन अगर आप बातचीत में दुसरे का मन जितना चाहते है तो आपको जरा भी मनमें ego नही रखना है. मतलब की अगर कोई जरा सी बात कहे की बिचमे से ही उनकी बात को काट देना. तुमको क्या मालूम होगा ? में सब जनता हु ऐसी हुकर मनमें नही रखनी. इससे दो गेरलाभ होते है. पहला यह की लोग आपसे बात करना डरेगे. हो शकता है आप उसका अपमान करदो !! क्योकि सबको अपन स्वाभिमान होता है. दिसरा यह की ऐसा घमंडी को दुसरे का ज्ञान का लाभ नही मिलता है. वह कुवे रहने वाले मेढक की तरह ये ही सोचता रहता है की में ही सबसे ज्यादा ज्ञानी हु !! लेकिन यह बात हमेशा सच नही होती 


 Good communication skills-के लिए हमे क्या क्या कदम उठाने चाहिए 

  • ज्यादा पढना और ध्यान से सुनने कीpractice करते रहना
  • किसी के साथ बोलना शरुमे अपने मित्रो के साथ debate में भाग लेना चाहिए 
  • बादमे उन लोगो के साथ बात करने की हिमंत करते रहना चाहिए जिसे वह डरते है मतलब की ज्यादा impress होते है.
  • योगा हमारा main aim है इस blog का. हमने सारे topics को योग के साथ मिलाकर देखा है योग से सब कुछ मिलता है सुख, आनंद और परमानन्द यहा भी योग का अभ्यास करने से वकृत्व शकती धीरे धीरे बढ़ने लगती है. वास्तवमे योग हमारे भीतर छिपी हुई उन शक्ति को बहार लाता है जो अनंत काल से हमारे साथ है.

आखिरमे इतना ही कहना है की practice करते रहना है. practice करते रहने से ही सारी skill develop होती है. और तो क्या हमने रत्नों की खाण योग को तो पूरी तरह समजा दिया है उसे भी नियमित रूप से करते रहना चाहिए. मित्रो, आपको यह ब्लॉग कैसा लगा comment बॉक्स में जरुर लिखना. 

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