ऐसा ग्रन्थ जो सभी मार्गो को जोड़ता है-Bhagwat geeta saar hindi
हमारे वैदिक सनातन धर्म में जीवन को जीने के और उनके द्वारा जीवन लक्ष्य की प्राप्ति के अनेक मार्ग है. जिसमे ज्ञान मार्ग है, कर्म मार्ग है, योग है, सांख्य है, भक्ति योग है. इस
bhagwad geeta is full of knowledge which is not only theory base but it is also use in practical life experience of divine self and parmatman. also for routine life too..
हमारे वैदिक सनातन धर्म में जीवन को जीने के और उनके द्वारा जीवन लक्ष्य की प्राप्ति के अनेक मार्ग है. जिसमे ज्ञान मार्ग है, कर्म मार्ग है, योग है, सांख्य है, भक्ति योग है. इस
कर्म योग एक गीता का विज्ञान है. कर्म किये बिना कोई रह नही शकता. लेकिन अगर हमारे कर्म ऐसे हो की हमे धीरे धीरे निम्न स्तर पर लाये तो ये बंधनकर्ता होगे. लेकिन अगर ऐसे कर्म किये जाये की
आज के समय में ज्ञान की बाते थोड़ी बड़ी लगेगी लेकिन एक स्टेज प्राप्त करने के लिए जहा हम प्रशन्नता से कार्य भी कर शके और उनसे स्वतंत्र भी रह शके ऐसा ये श्लोक है
किस तरह से हमारे कर्म अपने संस्कारो के साथ नष्ट होते है. यह बात भगवद गीता हमे शिखाती है. कोई भी कर्म ऐसा नही है जो अपनी छाप न छोड़े यही बात हमे कभी कभी परेशान करके रख देती है. क्योकि बुरी आदते हमे धीरे धीरे और भी निचे गिरा देती है
प्रथम द्रष्टि में तो ये इतना ही समज आ शकेगा की यहा पर केवल इतना कहा गया है की कर्म करते रहो लेकिन फल के बारेमे न सोचो लेकिन यहा पर इनसे ज्यादा बहुत कुछ समजाय गया है. निचे दिए गये point का आप अभ्यास करेगे तो मालूम होगा की ये कर्म को सफल करने की तरकीब है
आपने ये शीषर्क पढ़ा क्या ये हो शकता है ? आम तौर पर तो हम भगवद गीता को केवल एक अध्यात्मिक ग्रन्थ के रूप में देखते है ! लेकिन इसमें ऐसे राज छिपे हुवे है